जब जाग उठे अरमान तो कैसे नींद आए ? - The Indic Lyrics Database

जब जाग उठे अरमान तो कैसे नींद आए ?

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - हेमंत कुमार | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - बिन बादल बरसात | वर्ष - 1963

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जब जाग उठे अरमान तो कैसे नींद आए ?
हो घर में हसीन मेहमान तो कैसे नींद आए ?
ये रात ये दिल की धड़कन, ये बढ़ती हुई बेताबी
एक जाम के खातिर जैसे बेचैन हो कोई शराबी
शोलों में घिरी हो जान तो कैसे नींद आए ?
थम थम के नई उम्मीदें क्यों खेल रही है दिल से
जिस तरह तड़प कर मौजें टकराए किसी साहिल से
सीने में हो एक तूफ़ान तो कैसे नींद आए ?
नज़दीक बहोत है मंज़िल फिर भी है गजब की दूरी
ऐ दिल ये तू ही बतला दे, ये कौन सी है मजबूरी
जब सोच में हो इन्सान तो कैसे नींद आए ?