लम्हा लम्हा दूरी यूँ पिघलती है - The Indic Lyrics Database

लम्हा लम्हा दूरी यूँ पिघलती है

गीतकार - नीलेश मिश्रा | गायक - अभिजीत - सुनिधी चौहान | संगीत - प्रीतम | फ़िल्म - गैंगस्टर | वर्ष - 2006

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लम्हा लम्हा दूरी यूँ पिघलती है
जाने किस आग में ये शबनम जलती है
ख़्वाहिशों की शाम ढ़लती है
जाने किस आग में ये शबनम जलती है
तेरी आँखें दिखाती है हमें सपने सितारों के
तेरे होठों पे लिखा है जो हम बोले इशारों में
ख्वाबों में कारवां में रात चलती है
जाने किस आग में ये शबनम जलती है
बहकती शाम आई है तुझे लेकर के बाँहों में
तुझे छू लूँ के रखूँ मैं छुपाकर के निगाहों में
शरमाती इठलाती है मचलती है
जाने किस आग में ये शबनम जलती है