नज़र के सामने इक रास्ता जरुउरी हैं - The Indic Lyrics Database

नज़र के सामने इक रास्ता जरुउरी हैं

गीतकार - परवीन शकीरो | गायक - गुलाम अली | संगीत - गुलाम अली | फ़िल्म - महताब (गैर फिल्म) | वर्ष - 1992

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नज़र के सामने इक रास्ता ज़रूरी है
भटकते रहने का भी सिलसिला ज़रूरी हैमिसाल-ए-अब्र-ओ-हवा दिल-ब-हम रहें लेकिन
मुहब्बतों में ज़रा फ़ासला ज़रूरी हैवो ख़ौफ़ है क्र सर-ए-शाम घर से चलते वक़्त
गली का दूर तलक जायज़ा ज़रूरी हैतअल्लुक़ात के नाम-ओ-तिबर हवालों से
तमाम उम्र का इक राविता ज़रूरी है