हर तराफ है ये शोर हे आया गोकुल का चोर - The Indic Lyrics Database

हर तराफ है ये शोर हे आया गोकुल का चोर

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, विनोद राठौड़, अतुल काले | संगीत - जतिन, ललित | फ़िल्म - | वर्ष - 1999

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तुझा घरात नाहीं पानी घाघर उतानी रे गोपाला
अरे गोविंदा रे गोपाला गोविंदा रे गोपाला
यशोदे चा कान्यावाड़ा यशोदे चा कान्यावाड़ाअरे टोली बना के निकले ग्वाले करने को हुड़दंग
गोविंदा के दिन सब हो गए हैं गोविंदा के संग अरे समझे
हर तरफ़ है ये शोर हे आया गोकुल का चोर
आज हम लोग मस्ती करेगा
कहीं मटकी तोड़े कहीं नैना जोड़े
आज गड़बड़ घोटाला चलेगा
हर तरफ़ है ये शोर ...आला रे आला गोविंदा आला हे
छत के ऊपर खड़ी देखना फुलझड़ी
हम करेंगे कोई छेड़खानी
ओ हम चले झूमने आसमां चूमने
आज मस्ती में है ज़िंदगानी
हां दे दो दुआएं माँ जी मारेंगे हम तो बाजी
दुश्मन ज़माना जलेगा
हर तरफ़ है ये शोर ...दगड़ू मामा दगड़ू मामा पेटी वाज़व मामा पेटी वाज़व
दोन कोंबड्या देईन नाहीतर पठवून सोडव
इस गली उस गली बात अपनी चली हो गया अपना ही बोलबाला रे ह हा
हो गया अपना ही बोलबाला
हो जोश में होश का दोस्तों काम क्या
हमसे टक्कर न ले कोई साला
हम सब हैं दिल के राजे अपना ही डंका बाजे
अपना ही सिक्का चलेगा
हर तरफ़ है ये शोर ...बिल्कुल चलेगा
आला रे आला गोविंदा आला