जब दिल ही टूट गया - The Indic Lyrics Database

जब दिल ही टूट गया

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - कुन्दन लाल सैगल | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - शाहजहां | वर्ष - 1946

View in Roman

जब दिल ही टूट गया
हम जी के क्या करेंगे
उल्फ़त का दीया हमने इस दिल में जलाया था
उम्मीद के फूलों से इस घर को सजाया था
एक भेदी लूट गया
मालूम न था इतनी मुश्किल हैं मेरी राहें
अरमां के बहे आँसू हसरत ने भरी आहें
हर साथी छूट गया