आज मदहोश हुआ जाए रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन - The Indic Lyrics Database

आज मदहोश हुआ जाए रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन

गीतकार - नीरज | गायक - लता - किशोर | संगीत - सचिन देव बर्मन | फ़िल्म - शर्मीली | वर्ष - 1971

View in Roman

आज मदहोश हुआ जाए रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन
बिना ही बात मुस्कुराये रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन
ओ री कली, सजा तू डोली
ओ री लहर, पहना तू पायल
ओ री नदी, दिखा तू दर्पण
ओ री किरण, ओढा तू आँचल
इक जोगन है बनी आज दुल्हन
आओ उड़ जाए कही बनके पवन
आज मदहोश हुआ जाए रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन
शरारत करने को ललचाये रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन
ए, यहाँ हमे ज़माना देखे, आओ चलो कही छूप जाए
भीगा भीगा नशीला दिन है, कैसे कहो प्यासे रह पाए
तू मेरी मैं हूँ तेरा, तेरी कसम
मैं तेरी तू है मेरा, मेरी कसम
आज मदहोश हुआ जाए रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन
शरारत करने को ललचाये रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन
रोम रोम बहे सुर धारा, अंग अंग बजे शहनाई
जीवन सारा मिला एक पल में, जाने कैसी घड़ी ये आई
छू लिया आज मैंने सारा गगन
नाचे मन आज मोरा छूम छनन
आज मदहोश हुआ जाए रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन
शरारत करने को ललचाये रे, मेरा मन, मेरा मन, मेरा मन