पल दो पल का साथ हमारा - The Indic Lyrics Database

पल दो पल का साथ हमारा

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - आशा - रफी | संगीत - राहुल देव बर्मन | फ़िल्म - द बर्निंग ट्रेन | वर्ष - 1980

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पल दो पल का साथ हमारा
पल दो पल के याराने हैं
इस मंज़िल पर मिलने वाले
उस मंज़िल पर खो जाने हैं
नज़रों के शोख़ नज़राने
होंटों के गर्म पैमाने
हैं आज अपनी महफ़िल में
कल क्या हो कोई क्या जाने
ये पल ख़ुशी की जन्नत है
इस पल में जी ले दीवाने
आज की ख़ुशियाँ एक हक़ीक़त
कल की ख़ुशियाँ अफ़साने हैं
हर ख़ुशी कुछ देर की मेहमान है
पूरा कर ले दिल में जो अरमान है
ज़िन्दगी एक तेज रौ तूफ़ान है
इसका जो पीछा करे नादान है
गुमशुदा खुशियों पे क्यों हैरान है
वक़्त लौटे इसका कब इम्कान है
झूम जब तक धड़कनों में जान है
झूमना ही ज़िन्दगी की शान है
अव्वल-आख़िर हर कोई अनजान है
ज़िन्दगी बस राह की पहचान है
दोस्तो अपना तो ये ईमान है
जो भी जितना साथ दे एहसान है
उम्र का रिश्ता जोड़ने वाले अपनों नज़र में दीवाने हैं