टूटा जो कभी तारा - The Indic Lyrics Database

टूटा जो कभी तारा

गीतकार - प्रिया सरैया | गायक - आटिफ़ असलम, सुमेधा कर्महे | संगीत - जिगर सरैया, सचिन संघवी | फ़िल्म - आ फ्लाइयिंग जट्ट | वर्ष - 2016

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किसी शाम की तरह
तेरा रंग है खिला
मैं रात इक तन्हा
तू चाँद सा मिला

हाँ तुझे देखता रहा
किसी खाब की तरह
जो अब सामने है तू
हो कैसे यक़ीन भले

टूटा जो कभी तारा
तुझे रब्ब से माँगा
रब्ब से जो माँगा मिलिया वे…
तू मिलिया तो जाने न दूंगा मैं

हाँ मैंने सुनी है
परियों की कहानी
वैसा ही नूर तेरा
चेहरा है तेरा रूहानी

आ तुझको मैं अपनी
आजा मेरी बाहों में छुपा लूँ
हाँ अपनी इस ज़मीन को
कर दूँ मैं आसमान भी…

ज़िन्दगी रोक दूँ मैं अब तेरे सामने
पल दो पल जो रुके तू मेरे साथ में

टूटा जो कभी तेरा सजना वे
तुझे रब्ब से माँगा
रब्ब से जो माँगा मिलिया वे…
तू मिलिया तो जाने न दूंगा मैं

इतनी भी हसीन मैं नहीं
मुझसे भी हसीं तोह तेरा ये प्यार है
हाँ इतनी भी हसीन मैं नहीं
ओ यारा वे!
मुझसे भी हसीं तेरा प्यार…

के तेरा मेरा प्यार ये
जैसे ख्वाब और दुआ
हाँ सच कर रहा इन्हे
देखो मेरा खुदा…

टूटा जो कभी तारा सजना वे
तुझे रब्ब से माँगा
रब्ब से जो माँगा
तू मिलिया तो जाने न दूँगी मैं.

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