टिक टिक टिक टिक चलती जाए घडी - The Indic Lyrics Database

टिक टिक टिक टिक चलती जाए घडी

गीतकार - नीरज | गायक - आशा भोंसले, मुकेश, किशोर कुमार | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - कल आज और कल | वर्ष - 1971

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कि : ( टिक-टिक टिक-टिक ) -२ चलती जाए घड़ी
कल आज और कल की पल-पल जुड़ती जाए कड़ी
टिक-टिक
आ : टिक-टिक चलती जाए ...
कि : टिक-टिक टिक-टिक
आ : टिक-टिक टिक-टिककि : नहीं वक़्त के साथ जो चलते पीछे वो रह जाते हैं
अपने ही हाथों से अपने घर में आग लगाते हैं
दुनिया बदले मौसम बदले धरती अपनी साड़ी बदले
तुम बदलो पगड़ी
कल आज और कल की ...
दो : चलती जाए घड़ी ...आ : नए-पुराने आज और कल में भेद ये किसने डाला है
जले दीप से दीप यहाँ पर सब में एक उजाला है
हो वक़्त नया हो रात नई हो बात नई हो मिले जहाँ पर
छोटी सुईं से बड़ी
कल आज और कल की ...
टिक-टिक टिक-टिक
दो : चलती जाए घड़ी ...
हाँ हाँ हाँमु : रमता जोगी बहता पानी वक़्त की राम-कहानी है
इस सागर की लहरों जैसी दुनिया आनी-जानी है
इसे चलाए उसे चलाए सारे जग को घड़ी चलाए
पर ख़ुद रहे खड़ी
कल आज और कल की ...
हाँ हाँ हाँ
ती : टिक-टिक टिक-टिक
चलती जाए घड़ी ...