चल हल्के हल्के - The Indic Lyrics Database

चल हल्के हल्के

गीतकार - विराग मिश्रा | गायक - बप्पी लाहिरी, राजा हसन, सुनिधि चौहान | संगीत - बप्पी लाहिरी | फ़िल्म - आ फ़्लैट | वर्ष - 2010

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अरे पीली चोटियाँ
हवैं सेहेन सी
माहताब नज़रें
तेरी या खुदा अब क्या करैं

आँखें मेरी ख़रगोशी
होंटों में है मदहोशी
चाँद की चूरड़ी मेरी है
मारूंगी मैं दम छोटी
रो दूँगी झूटी मूति
बादल यह मेरे पीछे है
सुन झरने तू सीधे क्यों गिरे है
तू आज चल तू मेरे जैसा उल्टा चल

चल हलके हलके ूर्र्ति
तू इतनी क्या जल्दी है
सब को यह हवा बतलाती
थी तू घर से निकलती है

मैं रातों से झगड़ लूंगी
उछाल के चाँद को पकड़ लूँगी
मैं गिर गिर के संभल लूंगी
मैं सात रंगों को बदल दूंगी
चीज़ें मेरी तू क्यों
घर से निकलता है पागल

चल हलके हलके ूर्र्ति
तू इतनी क्या जल्दी है
सब को यह हवा बतलाती
थी तू घर से निकलती है

मैं तितली की सहेली हूँ
मैं ज़ुल्फ़ों में लिपटी पहेली हूँ
बर्फ की तरफ है घर मेरा
ओढ़ ले धुप वह पीली हूँ
सूरज मेरे चाओं ले
कर क्यूँ डूबता है पागल

चल हलके हलके ूर्र्ति
तू इतनी क्या जल्दी है
सब को यह हवा बतलाती
थी तू घर से निकलती है

आँखें मेरी ख़रगोशी
होंटों में है मदहोशी
चाँद की चूरड़ी मेरी है
मारूंगी मैं दम छोटी
रो दूँगी झूटी मूति
बादल यह मेरे पीछे है
सुन झरने तू सीधे क्यों गिरे है
तू आज चल तू मेरे जैसा उल्टा चल

चल हलके हलके ूर्र्ति
तू इतनी क्या जल्दी है
सब को यह हवा बतलाती
थी तू घर से निकलती है.