जब छाए कभी सावन की घटा, रो रो के ना करना याद मुझे - The Indic Lyrics Database

जब छाए कभी सावन की घटा, रो रो के ना करना याद मुझे

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - तलत महमूद | संगीत - बाबुल | फ़िल्म - रेशमी रूमाल | वर्ष - 1961

View in Roman

जब छाए कभी सावन की घटा
रो रो के न करना याद मुझे
ऐ जान-ए-तमन्ना गम तेरा
कर दे ना कही बरबाद मुझे
जो मस्त बहारें आई थी
वो रूठ गई उस गुलशन से
जिस गुलशन में दो दिन के लिए
किस्मत ने किया आबाद मुझे
वो राही हूँ पलभर के लिए
जो जुल्फ के सायें में ठहरा
अब लेके चली है दूर कहीं
ऐ इश्क तेरी बेदाद मुझे
ऐ याद-ए-सनम अब लौट भी जा
क्यों आ गई तू समझाने को
मुझको मेरा गम काफ़ी है
तू और न कर नाशाद मुझे