दिल काशी - The Indic Lyrics Database

दिल काशी

गीतकार - विराग मिश्रा | गायक - अदिति सिंग शर्मा, राजा हसन, सोनू निगम, तुलसी कुमार | संगीत - बप्पी लाहिरी | फ़िल्म - आ फ़्लैट | वर्ष - 2010

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अँखियों ही अँखियों में
रतियाँ यह कातने दो
नींद मेरी उड़ी उड़ी रे
चांदनी में आज भीग लो
रौशनी से जिस्म सींच लो

नाउ आल नाईट स्लो ित डाउन बॉय
बी’सोज़ ी’म विथ यु टुनाइट
माय ऑय ों माय
बी’सोज़ यू आर माइन टुनाइट
आईटी’स आल अबाउट तो नोट
जस्ट सी यू आल नाईट येह
आईटी’स आल अबाउट तो नोट
जस्ट सी यू आल नाईट येह

जागती हुवी रातों को
नींद बख्श दो
बेज़ुबान से खामोशी
को लफ्ज़ बख्श दो
खुवाहिशों सा उठो
बारिशों से भिगो
दिल कशी
दिल कशी
दिलकशी

हर्फ़ हर्फ़ न होरों से
पालते लिखो जिस्मों पे
कल सुबह पढेंगे चाँद से
हर तरफ उजाला जग में
सरसों की सियाही ले के
कल सुबह सुनेंगे चाँद से

खुशबु के निशाँ न होंगे
कल हम तुम जवान न होंगे
आज हे मस्ती
दिल कशी
दिल कशी
दिलकशी

ऊऊऊ

नाउ आल नाईट स्लो ित डाउन बॉय
बी’सोज़ ी’म विथ यु टुनाइट
माय ऑय ों माय
बी’सोज़ यू आर माइन टुनाइट
आईटी’स आल अबाउट तो नोट
जस्ट सी यू आल नाईट येह
आईटी’स आल अबाउट तो नोट
जस्ट सी यू आल नाईट येह

इश्क़ को सँवरता देखूं
कुछ तो लाल में भी देखूं
रंगों में घुलूं में रंग सा
आती जाती साँसें मेरी
कह रही की धड़कन ठहरी
महकी जाने क्यों मैं यार सा

मेरे टूटे टूटे से सपने
जोरा टुकड़ा टुकड़ा है रब ने
जब से तू है मिली
दिल कशी
दिल कशी
दिलकशी
जागती हुवी रातों को
नींद बख्श दो
बेज़ुबान से खामोशी को
लफ्ज़ बख्श दो

खुवाहिशों सा उठो
बारिशों से भिगो

दिल कशी
दिल कशी
दिलकशी

ता न न ता न न येह
ता न न ता न न येह

दिलकशी.