जब चली ठंडी हवा, जब उठी काली घटा - The Indic Lyrics Database

जब चली ठंडी हवा, जब उठी काली घटा

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - आशा भोसले | संगीत - रवि | फ़िल्म - दो बदन | वर्ष - 1966

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जब चली ठंडी हवा, जब उठी काली घटा
मुझको ऐ जान-ए-वफ़ा तुम याद आए
जिन्दगी की दास्तां, चाहे कितनी हो हसीं
बिन तुम्हारे कुछ नहीं
क्या मजा आता सनम, आज भूले से कही
तुम भी आ जाते यही
ये बहारें ये फिज़ा, देखकर ओ दिलरुबा
जाने क्या दिल को हुआ, तुम याद आये
ये नज़ारे ये समा और फिर इतने जवाँ
हाए रे ये मस्तियाँ
ऐसा लगता है मुझे जैसे तुम नजदीक हो
इस चमन से जान-ए-जाँ
सुन के पी पी की सदा, दिल धड़कता है मेरा
आज पहले से सिवा, तुम याद आये