कहानी - The Indic Lyrics Database

कहानी

गीतकार - अमिताभ भट्टाचार्या | गायक - सोनू निगम | संगीत - प्रीतम | फ़िल्म - लाल सिंह चड्ढा | वर्ष - 2022

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पम पारा रारा रम
हो रहा है जो हो रहा है क्यों
तुम ना जानो, ना हम
पम पारा रारा रम

क्या पता हम में है कहानी
या हैं कहानी में हम?
पम पारा रारा रम

कभी कभी जो ये आधी लगती है
आधी लिख दे तू, आधी रह जाने दे
जाने दे

ज़िंदगी है जैसे बारीशों का पानी
आधी भर ले तू, आधी बह जाने दे
जाने दे

हम समंदर का एक क़तरा हैं
या समंदर है हम?
पम पारा रारा रम

ये, हथेली की लकीरों में लिखी सारी है
या, ज़िंदगी यह तेरे इरादों की मारी है?
है, तेरी मेरी समझदारी समझ पाने में
या, इसको ना समझना ही समझदारी है?

बैठी कलियों पे तितली के जैसी,
कभी रुकने दे, कभी उड़ जाने दे
जाने दे

ज़िंदगी है जैसे बारीशों का पानी
आधी भर ले तू, आधी बह जाने दे
जाने दे

है ज़रूरत से थोड़ी ज़्यादा,
या है ज़रूरत से कम?
पम पारा रारा रम

क्या पता हम में है कहानी
या हैं कहानी में हम?