बुलबुल मेरे चमन के तकदीर मेरी बन के - The Indic Lyrics Database

बुलबुल मेरे चमन के तकदीर मेरी बन के

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - गीता दत्त | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - हीर | वर्ष - 1956

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बुलबुल मेरे चमन के, तक़दीर मेरी बन के
जागो मेरी तमन्ना, जागोदेखो मेरी नज़र में, हसरत मचल रही है
परवाना सो रहा है, और शम्मा जल रही है
कहती है बेक़रारी, ये रातें हैं हमारी
जागो मेरी तमन्ना, जागोनीले गगन पे चंदा रुक जाये चलते चलते
जागो तो ठहर जायेँ ये रात ढलते ढलते
आये न फिर सवेरा तुम साथ दो जो मेरा
जागो मेरी तमन्ना, जागो