दिल दिवाना ना जाने कब खो गया: - The Indic Lyrics Database

दिल दिवाना ना जाने कब खो गया:

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, अनुराधा पौडवाल | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - दाग - आग | वर्ष - 1999

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दिल दीवाना हो
दिल दीवाना ना जाने कब खो गया तूने ऐसे देखा के कुछ हो गया
कुछ हो गया कुछ हो गया कुछ हो गया मेरी जां
दिल दीवाना ना ...इन लम्हों में दर्द है इस मौसम में प्यास है
पहले पहले प्यार का ये कैसा एहसास है हो
हर पल मज़ा आने लगा ये क्या नशा छाने लगा
कुछ हो गया ...नई बेखुदी है नई आग है लबों पे लबों का हसीं दाग है
मेरी जान कैसे निकलने लगी तेरी इक छुअन से पिघलने लगी हो
कुछ हो गया ...इन आँखों को देख के इन होंठों को चूम के
जीना है अब साथिया प्यार से यूं ही झूम के हो
ये फ़ासला क्यूं है सनम आ तोड़ दें सारी कसम
कुछ हो गया ...दिल दीवाना हो
दिल दीवाना ना जाने कब खो गया तूने ऐसे देखा के कुछ हो गया
कुछ हो गया कुछ हो गया कुछ हो गया मेरी जां
दिल दीवाना ना ...बिखरूं ऐसे आज मैं इन बाहों से छूट के
हाय जैसे फ़र्श पे शीशा बिखरे टूट के
तौबा मेरी क्या कर गई आए ख्याल हां मैं मर गई हो
कुछ हो गया ...नई बेखुदी है नई आग है लबों पे लबों का हसीं दाग है
मेरी जान कैसे निकलने लगी तेरी इक छुअन से पिघलने लगी हो
कुछ हो गया ...मीठी मीठी ये हवा भीगी भीगी रात है
हाय बड़ी दिलनशीं अपनी मुलाकात है
ये सिलसिला यूं ही चले सो जा मेरी ज़ुल्फ़ों तले
कुछ हो गया ...