भुला नहीं देना जी भुला नहीं देना - The Indic Lyrics Database

भुला नहीं देना जी भुला नहीं देना

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - रफ़ी, लता | संगीत - नशद | फ़िल्म - बारादरी | वर्ष - 1955

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भुला नहीं देना जी भुला नहीं देना
ज़माना खराब है दग़ा नहीं देना

आँखों में सपने झूम रहें हैं
गीत लबों को चूम रहें हैं
गीतों को आहें बना नहीं देना
ज़माना खराब है ...

आँखों में मस्ती छायी हुई है
नींद सी मुझको आयी हुई है
नींद से मुझको जगा नहीं देना
ज़माना खराब है ...

ज़िंदगी आँखें मलने लगी है
शम्मा सी दिल में जलने लगी है
शम्मा जला के बुझा नहीं देना
ज़माना खराब है ...$