नाम मेरा प्रेम कलि रस्ते मन वाह खड़ा था: - The Indic Lyrics Database

नाम मेरा प्रेम कलि रस्ते मन वाह खड़ा था:

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - कविता कृष्णमूर्ति | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - चालबाज़ | वर्ष - 1989

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नाम मेरा प्रेम कली
प्रेम कली मर के चली
रस्ते में खुद की गली प्रेम गली
उसने मेरा नाम लिया मैने जिया थाम लिया
उसने मुझे छेड़ दिया मैने मुँह फेर दिया
मरती क्या करतीरस्ते में वह खड़ा था कब से मेरे पीछे पड़ा था -२
जोश बड़ा उसको चढ़ा था
रस्ते में वह खड़ा था ...बीच डगर मेल हुआ और शुरू खेल हुआ -२
नैनों से नैन लड़े रस्ते में लोग खड़े
दिल धक से डोल गया क्या कुछ वह बोल गया
खतरा मैं भांप गई धरती कांप गई
करती मैं क्या करती
वह अपनी ज़िद पे अड़ा था कब से मेरे पीछे पड़ा था -२
अरे रस्ते में वह खड़ा था ...हुस्न के ये कितने जतन -२
मैने चुरा लिया बदन
हट परे अरे हट परे मैने कहा देख इधर उसने कहा
खाली नहीं आया हूँ मैं देख अंगूठी लाया हूँ मैं
वैसे मैं तो ना लेती अंगूठी फेंक देती
पर उसमें हीरा जड़ा था कब से मेरे पीछे पड़ा था
अरे रस्ते में वह खड़ा था ...