हमें मार चला ये ख़्याल ये ग़म - The Indic Lyrics Database

हमें मार चला ये ख़्याल ये ग़म

गीतकार - मजरूह | गायक - अनिल बिस्वास | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - आरजू | वर्ष - 1950

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हमें मार चला ये ख़्याल ये ग़म
न इधर के रहे न उधर के रहे
किसी और का हो गया कोई तो हम
न इधर के रहे ...

हम ज़हर तो खा लेते उन बिन
ख़न्जर भी चला लेते लेकिन
न हो उनको ख़बर तो हाय सितम
न इधर के रहे ...

है ये प्यार का फन्दा गर्दन में
जीते न बने मरते न बने
यूँही बीच गले में अटका है दम
न इधर के रहे ...
हमें मार चला ...$