रंगीला रे तेरे रंग में - The Indic Lyrics Database

रंगीला रे तेरे रंग में

गीतकार - नीरज | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - प्रेम पुजारी | वर्ष - 1970

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(रंगीला रे, तेरे रँग में
यूँ रँगा है मेरा मन
छलिया रे, न बुझे है
किसी जल से यह जलन)-२
ओ रंगीला रेपलकों के झूले से सपनों की डोरी
प्यार ने बाँधी जो तूने वो तोडी
खेल यह कैसा रे, कैसा रे साथी
दिया तो झूमें हैं रोये हैं बाकी
कहीं भी जाये रे, रोये या गाये रे
चैन न पाये रे हिया
वाह रे प्यार वाह रे वाह
रंगीला रे ...दुःख मेरा दुल्हा है बिरहा है डोली
आँसू की सड़ी है आहों की चोली
आग मैं पियूँ रे जैसे हो पानी
नारी दिवानी हूँ पीड़ा की रानी
मनवा यूँ जले है, जग सारा छले है
साँस क्यों चले है पिया
वाह रे प्यार वाह रे वाह
रँगीला रे ...रंगीला ओ रंगीलामैंने तो सींची रे तेरी ये राहें-२
बाहों में तेरी क्यों औरों की बाहें
कैसे तू भूला वो फूलों सी रातें
समझी जब आँखों ने आँखों की बातें
आँव भर झूठा रे, सपना हर टूटा रे
फिर भी तू रूठा रे पिया
वाह रे प्यार वाह रे वाहरंगीला रे, रंगीला रे