ना हो कल जब सरी दुनिया बोलो फिर क्या करोगी - The Indic Lyrics Database

ना हो कल जब सरी दुनिया बोलो फिर क्या करोगी

गीतकार - पी के मिश्रा | गायक - सुजाता, एस पी बालासुब्रमण्यम | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - प्रेम पंछी | वर्ष - 1996

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ना हो कल जब सारी दुनिया बोलो फिर क्या करोगी -२इन आँखो से तब देखेंगे नीले अम्बर को हम भीचूमेंगे हम इस धरती को प्यार से रुख़्सत ले लेंगेफिर सीने पे तेरे सर रख देंगे तेरी उमर की दुआ माँगेंगेना हो कल जब सारी दुनिया बोलो फिर क्या करोगीउजड़ने लगेगी उजड़ने लगेगी कल जब दुनिया बोलो फिर क्या करोगेएक-एक पल है सौ जीवन सा तू जो साथ है मेरेहैं दो दिल अपने पर एक जाँ हम मौत भी मर जाये हम पेमाँगूँ ख़ुदा से तुझको ही मैं सारे जहाँ को भुला केना हो कल जब सारी दुनिया बोलो फिर क्या करोगी -२
इन आँखो से तब देखेंगे नीले अम्बर को हम भी
चूमेंगे हम इस धरती को प्यार से रुख्सत ले लेंगे
फिर सीने पे तेरे सर रख देंगे तेरी उमर की दुआ माँगेंगे
ना हो कल जब सारी दुनिया बोलो फिर क्या करोगीचाहत जब तक है दुनिया में दुनिया नहीं मिटेगीकाँटे चाहें कितने भी हों कलियाँ खिलती रहेंगीलाखों तूफ़ाँ आयें चाहें कारवाँ चलता रहेगामिट्टी का ये जिस्म मरेगा प्यार तो ज़िंदा रहेगाना हो कल जब सारी दुनिया बोलो फिर क्या करोगी -२रहें ना रहें हम इस दुनिया में यादों में तेरी रहेंगेदूर से ही हम उस दुनिया में तुझको देखा करेंगेजीती रहे तू उतने दिनों तक जितने अम्बर पे तारेना हो कल जब सारी दुनिया बोलो फिर क्या करोगी