भर भर के जाम पिला दे - The Indic Lyrics Database

भर भर के जाम पिला दे

गीतकार - जान निसार अख्तर | गायक - लता, कोरस | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - यास्मीन | वर्ष - 1955

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आ जा ऽ
आ जा आ जा मेरे साक़ी
हसरत है दिल में बाक़ी
उल्फ़त का जाम पिला जा
जीने का ढंग बता जा
आ जा आ जा आ जा आ जा
आ जाऽऽऽ

लता:
ये किस ने पुकारा है मुझे
किस ने पुकाराऽ
है कौन तलबगार मेरा
कौन है प्याराऽ

समूह स्वर:
साक़ी मैं इधर हूँ
मैं इधर हूँ
मैं इधर हूँ
मैं पास में बैठा हूँ
और मैं कदमों में पड़ा हूँ

को:
भर भर के जाम पिला दे -2
साक़ी बना दे मतवाला
तू ला ला ला बस बना दे मतवाला -2

लता:
शराब्/-ए/-हुस्न नज़र से पिलाने आयी हूँ
मैं एक-एक को बेखुद बनाने आयी हूँ -2
अदा से नाज़ से अबरो के इक इशारे से -2
दिलों में इश्क़ का जादू जगाने आयी हूँ

को:
भर भर के जाम पिला दे /थ्रीदोत्स

लता:
नज़र मिलाओ तो दिल को क़रार आ जाये
हर एक अदा पे तुम को प्यार आ जाये
उठाओ जाम के जनता से कम नहीं दुनिया -2
पियो पियो के तुम्हें ऐतबार आ जाये -2

को:
भर भर के जाम पिला दे /थ्रीदोत्स

लता:
वो मुस्कुरा के निगाहें मिलाये जाते हैंऽ
सुरूर बन के मेरे दिल पे छाये जाते हैं-/2
मिली है आज जो उन की नज़र से मेरी नज़र -/2
तो हाय मेरे कदम डगमगाये जाते हैं

को:
भर भर के जाम पिला दे /थ्रीदोत्स$