हमें कोई ग़म है तुम्हें कोई ग़म है - The Indic Lyrics Database

हमें कोई ग़म है तुम्हें कोई ग़म है

गीतकार - मजरूह | गायक - आशा, रफी | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - भागम भाग | वर्ष - 1956

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आ: ( हमें कोई ग़म है तुम्हें कोई ग़म है
मुहब्बत कर, ज़रा नहीं डर, किसे कल की ख़बर है )-2
र: हमें भई डर है

( यहाँ तो ग़म का साथ है
ख़ुशी इक झूथी बात है )-2
आ: ( उठा नज़रों को बेख़बर
अजब जलवों की रात है )-2
पहली नज़र में, दिल में जिगर में
जलवों का रंग भर ले

मुहब्बत कर, ज़रा नहीं डर, किसे कल की ख़बर है
र: हमें भई डर है

( हँसी होंठों पे खो गई
जवानी हमको रो गई )-2
आ: ( बलम क्यूँ दूर जाये तू
मोहब्बत में है ज़िंदगी )-2
पहली नज़र में, दिल में जिगर में
जलवों का रंग भर ले

मुहब्बत कर, ज़रा नहीं डर, किसे कल की ख़बर है
र: हमें भई डर है


र: ( ज़रा कोई हमको थामना
छलक जाये ग़म का जाम ना )-2
आ: ( गनीमत है ये रात भी
है दिल से दिल का सामना )-2
पहली नज़र में, दिल में जिगर में
जलवों का रंग भर ले

मुहब्बत कर, ज़रा नहीं डर, किसे कल की ख़बर है
र: हमें भई डर है

र: ( कहूँ क्या कैसी देर है
ख़ुशी को दिल से बैर है )-2
आ: ( मोहब्बत क्या है बालमा
दिलों का हेर-फेर है)-2
पहली नज़र में, दिल में जिगर में
जलवों का रंग भर ले

मुहब्बत कर, ज़रा नहीं डर, किसे कल की ख़बर है
हमें कोई ग़म है तुम्हें कोई ग़म है
मुहब्बत कर, ज़रा नहीं डर, किसे कल की ख़बर है
र: हमें भई डर है$