सांझ धाली दिल की लगी ठक चाली पुकार के - The Indic Lyrics Database

सांझ धाली दिल की लगी ठक चाली पुकार के

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - आशा भोंसले, मन्ना दे | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - काला बाजार | वर्ष - 1960

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म : ( साँझ ढली दिल की लगी थक चली पुकार के
आ जा, आ जा, आ भी जा
आ : क्या दूँ पहले से मैं बैठी हूँ दिल हार के
जा जा, जा जा, जा तू जा ) -२म : ज़िद पे आ गया है दिल के आज यूँ न लौटना
आ : मेरी सुनो लौट जाओ छोड़ दो ये बचपना
म : चार दिन की ज़िंदगी में दिन हैं दो बहार केआ जा, आ जा, आ भी जा
आ : ए हे हे हे
क्या दूँ पहले से मैं बैठी हूँ दिल हार के
जा जा, जा जा, जा तू जाम : आ आ
आ : जा जाकैसे कहूँ कैसी उलझनों में मेरी जान है
म : ओ हो हो
हाँ को ना समझ गये ये प्यार की ज़ुबान है
आ : काटने हैं दिन हमें किसी के इंतज़ार केजा जा, जा जा, जा तू जा
म : ओ हो हो हो
साँझ ढली दिल की लगी थक चली पुकार के
आ जा, आ जा, आ भी जा
आ : ए ए ए ए
क्या दूँ पहले से मैं बैठी हूँ दिल हार के
जा जा, जा जा, जा तू जाम : सुन तो ले के मेरे दिल का तुझसे क्या सवाल है
आ : कुछ न कर सकूँगी मैं इसी का तो मलाल है
म : दिल न तोड़ चाहे बोल दो ही बोल प्यार केआ जा आ जा, आ भी जा
आ : क्या दूँ पहले से मैं बैठी हूँ दिल हार के
जा जा, जा जा, जा तू जा
म : साँझ ढली दिल की लगी थक चली पुकार के
आ जा, आ जा, आ भी जा
आ : जा जा, जा जा, जा तू जा
म : आ जा आ जा
आ : जा तू जा