चेखुश नज़ारे के खुद पुकारे हैं - The Indic Lyrics Database

चेखुश नज़ारे के खुद पुकारे हैं

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - प्यार का मौसम | वर्ष - 1969

View in Roman

( चेखुश नज़ारे ) -२ के खुद पुकारे
है यार की मंज़िलगुलों की वादी सबा की बस्ती गली बहारों की
निगाह को थी तलाश कब से इन्हीं नज़ारों की
कि बेखुदी में निकल पड़ा है उठा के साज़-ए-दिल
चेखुश नज़ारे ...ये वो महल है करके दरीचा है आसमाँ जिसका
ये वो है चिलमन कि जिसके पीछे है वो हसीं क़ातिल
चेखुश नज़ारे ...