हे नीले गगन के कथा - The Indic Lyrics Database

हे नीले गगन के कथा

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - महेंद्र कपूर | संगीत - रवि | फ़िल्म - हमराज़ | वर्ष - 1967

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हे..., नीले गगन के तले, धरती का प्यार पले
ऐसे ही जग में, आती हैं सुबहें
ऐसे ही शाम ढले ...शबनम के मोती, फूलों पे बिखरे
दोनों की आस फले ...बलखाती बेलें, मस्ती में खेलें
पेड़ों से मिलके गले ...नदिया का पानी, दरिया से मिलके
सागर किस ओर चले ...