मन मोरे गा झूम के - The Indic Lyrics Database

मन मोरे गा झूम के

गीतकार - मजरूह | गायक - आशा: | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - मंगु | वर्ष - 1954

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मन मोरे गा झूम के
रुत ये बहार की
ये मौज प्यार की
लौट के ना आयेगी घूम के
गा
मन मोरे गा झूम के
वो सामने है
वो सामने है निगाहें मिला
दुनिया है क्या दो घड़ी भूल जा
दो घड़ी भूल जा
रुत ये बहार की
ये मौज प्यार की
लौट के ना आयेगी घूम के
गा
मन मोरे गा झूम के
बरखा हो
बरखा हो बादल हो और वो सनम
कोयल ना कूके तो हाय सितम
हाय हाय सितम
रुत ये बहार की
ये मौज प्यार की
लौट के ना आयेगी घूम के
गा
मन मोरे गा झूम के
नग़मों की
नग़मों की ऐसा उठा मौज से
जाऊँ निकल बादलों से परे
बादलों से परे
रुत ये बहार की
ये मौज प्यार की
लौट के ना आयेगी घूम के
गा
मन मोरे गा झूम के
रुत ये बहार की
ये मौज प्यार की
लौट के ना आयेगी घूम के
गा
मन मोरे गा झूम के