दुउर रहकर ना करो बात करीब आ जाओ - The Indic Lyrics Database

दुउर रहकर ना करो बात करीब आ जाओ

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - अमानत | वर्ष - 1975

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दूर रह कर न करो बात, क़रीब आ जाओ
याद रह जाएगी ये रात, क़रीब आ जाओएक मुद्दत से तमन्ना थी तुम्हें छूने की
आज बस में नहीं जज़बात क़रीब आ जाओसर्द झोकों से भड़कते हैं बदन में शोले
जान ले लेगी ये बरसात, क़रीब आ जाओइस कदर हमसे झिझकने की ज़रूरत क्या है
ज़िंदगी भर का है अब साथ क़रीब आ जाओ