फुलों से दोस्ती है कांतों से यारी हैं - The Indic Lyrics Database

फुलों से दोस्ती है कांतों से यारी हैं

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - दुनिया झुकती है | वर्ष - 1960

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फूलों से दोस्ती है काँटों से यारी है
ऐसे मज़े की होय
ऐसे मज़े की प्यारे ज़िन्दगी हमारी हैसमझा ख़ुशी को ख़ुशी ग़म को न ग़म
मौत के भी नाम से न घबराए हम
कश्ती सदा ही मँझधार में उतारी है
ऐसे मज़े की प्यारे ...चाहे ज़मीं हो या हो आसमान
ठोकर में अपनी हैं दोनों जहान
जितनी गुज़ारी इसी शान से गुज़ारी है
ऐसे मज़े की प्यारे ...अपनी खताओं पे भी नाज़ है
जुदा सारी दुनिया से अंदाज़ है
पी भी नहीं है फिर भी खुमारी है
ऐसे मज़े की प्यारे ...