हम भूलभुलैया दुउर से जलावों के लिए जाते हैं - The Indic Lyrics Database

हम भूलभुलैया दुउर से जलावों के लिए जाते हैं

गीतकार - | गायक - गुलाम अली | संगीत - | फ़िल्म - गुलाम अली के सर्वश्रेष्ठ (गैर-फ़िल्म) | वर्ष - 1990

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हम मज़े दूर से जलवों के लिये जाते हैं
ये वो प्याले हैं जो आँखों से पिये जाते हैंतुम मेरी अर्ज़-ए-तमन्न पे ख़फ़ा होते हो
इन ख़ताओं पे तो इनाम दिये जाते हैंफ़स्ल-ए-गुल आयी नशेमन से ख़बरदार रहो
इसी मौसम में तो बरबाद किये जाते हैं