कोयल क्यों गाए बाग से जब पतझड़ जाए रे - The Indic Lyrics Database

कोयल क्यों गाए बाग से जब पतझड़ जाए रे

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - आप आए बहार आई | वर्ष - 1971

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र : कोयल क्यों गाए -८
ल : बाग़ से जब पतझड़ जाए रे बहार चली आए
मन मस्त पवन धड़काए कि अम्बुआ पे कोयल गाएल : बादल क्यों छाए -४
र : बिरहा के जब गीत कोई गाए रे तो आग लग जाए
रिमझिम पानी बरसाए कि आकाश पे बादल छाए( हिरनी सी आँख तेरी ) -३ मोरनी सी चाल
आ तुझसे पूछूँ मैं इक छोटा सा सवाल
बाजे क्यूं घुँघरू -२
ल : पाँव में जब काँटा लग जाए मारे दर्द के हाय
जब रात में नींद न आए तो छम-छम बाजे घुँघरू( नीले गगन पे आई ) -२ चाँद की बारात
आ तुझसे पूछूँ मैं इक छोटा सी ये बात
मनवा क्यूँ डोले -२
र : नदिया में जब नाव खाए हिचकोले चोरी-चोरी हौले-हौले
जब साजन घूँघट खोले तो गोरी का मनवा डोलेल : ( इत्ता ग़ुमान देखो-देखो ) -३ होता है ख़राब
अबके सम्भल के देना ओ राजा मुझे देना जवाब
झुमका क्यों झूमें -२
र : इत्ती सी बात न जाने सब तेरे हैं दीवाने
झुमका झूमने के बहाने तेरा फूल सा मुझड़ा चूमे
आप आए बहार ...
boys: कोयल क्यों गाए
girls: बादल क्यों छाए
boys: कोयल क्यों
र : गाए
girls: बादल क्यों
ल : छाए