हो गे दो रोज़ में वफ़ा जिनसे की बेवफ़ा हो गे - The Indic Lyrics Database

हो गे दो रोज़ में वफ़ा जिनसे की बेवफ़ा हो गे

गीतकार - प्रेम धवन | गायक - मुकेश | संगीत - रवि | फ़िल्म - प्यार का सागर | वर्ष - 1961

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हो गए दो रोज़ में, आबाद भी बरबाद भी
अब तमन्ना है यही, आए न उनकी याद भीवफ़ा जिनसे की, बेवफ़ा हो गए
वो वादे मोहब्बत के क्या हो गएजो कहते थे हम को, सदा हैं तुम्हारे
ज़माने में सबसे, जिन्हे हम थे प्यारे
वो ही आज हमसे जुदा हो गएवो इतना बता दें, कभी पास आके
मिला क्या उन्हें है, हमें यूँ मिटाके
ख़ता क्या थी जो, वो ख़फ़ा हो गएमेरे सामने भी अगर अब वो आएं
न दिखेंगी उनको ये बेबस निगाहें
वो जिनके लिए हम फ़ना हो गए