दिलाबर दिलाबर कहते कहते हुआ दीवाना: - The Indic Lyrics Database

दिलाबर दिलाबर कहते कहते हुआ दीवाना:

गीतकार - भरत व्यास | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - स्त्री | वर्ष - 1961

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दिलबर दिलबर कहते
कहते हुवा दीवाना
आँख में मेरी झख
के देखो जनजाना
कौन तुम्हारा अपना
है और कौन बेगाना
ओह मेरी जान जरा पहचान
ओह मेरी जान जरा पहचान

दिलबर दिलबर सुनते
सुनते हुयी दिवानी
हाय रे किस मंज़िल
पे आ के रुकी कहानी
बोल मेरे दिल किस्से
है अब्ब प्रीत निभानी
फँसी है जन फँसी है जन
फँसी है जन फँसी है जन

अब्ब हुस्न इश्क का
संगम हो जाने दे
आगोश में अपनी
जनम खो जाने दे
यह मेल है दिल से
दिल का कोई खेल नहीं
दो दिल ना अगर
मिल जाये वह मेल नहीं
हो मर गयी मर गयी
अब्ब क्या करूँ मैं
हाय रे मोहब्बत जी या मरू मई
उससे मिलूं या इससे मिळू मई हो
फँसी है जन फँसी है जन
फँसी है जन फँसी है जन

यह जुल्फ़ तेरी आवारा हाय क्या कहना

मुझे लूट लिया दिलदारा हाय क्या कहना
जो प्यार करे यह उस का अंदाज नहीं
परवाने के जलने में आवाज नहीं
हो कैसी मुश्किल आन पड़ी है
दो रहे पे प्रीत कड़ी है
इस जालिम से आँख लड़ी है हो
फँसी है जन फँसी है जन
फँसी है जन फँसी है जन

तेरी आँखे है या
जालिम पैमाने है
तेरी एक बात में
लाखो अफ़साने है
तू देख गौर से
मुझको तेरा अपना हु
हर रात को तू जो
देखे वह सपना हो
हो एक है दिल और दो दीवाने
एक शम्मा और दो परवाने
क्या होगा यह कोई ना
जाने होफांसी है जन
फँसी है जन फँसी है जन
फँसी है जन

दिलबर दिलबर कहते
कहते हुवा दीवाना
अरे आँख में मेरी
झख के देखो जनजाना
कौन तुम्हारा अपना
है और कौन बेगाना
ओह मेरी जान जरा पहचान
फँसी है जन फँसी है जन
ओह मेरी जान जरा पहचान
फँसी है जन फँसी है जन.