तडप ये दिन रात की, कसक ये बिन बात की - The Indic Lyrics Database

तडप ये दिन रात की, कसक ये बिन बात की

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - आम्रपाली | वर्ष - 1966

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तड़प ये दिन रात की, कसक ये बिन बात की
भला ये रोग है कैसा, सजन अब तो बता दे, अब तो बता दे
बिना कारण उदासी क्यों अचानक घिरके आती है
थका जाती है क्यों मुझको बदन क्यों तोड़ जाती है
हैं आखिर कौन से बंधन जो मुझसे खुल नहीं पाते
ये बादल बेबसी के क्यों बरस कर धुल नहीं जाते