कहा है मेरा ये दिल पिया कोई है कोई है ही नहीं - The Indic Lyrics Database

कहा है मेरा ये दिल पिया कोई है कोई है ही नहीं

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - कविता कृष्णमूर्ति | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - जीन्स | वर्ष - 1998

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कहता है मेरा ये दिल पिया कोई है कोई है ही नहींकाया है तू छाया हूँ मैं तू न हो तो मैं भी नहींतू न हो तो मैं भी नहींचूड़ी जो खनके तो कहतें हैं खन-खनघुँघरू जो छनके तो कहते हैं छन-छनखन-खन हो य फिर छन-छन होमतलब इनका है जब तक हों दोमैं भी हूँ तब तक जब तक तुम होजो सच है वो तुम मान ही लोसुबह के पल या शाम के हों दिन तो सारा एक हि हैदो आँखों से देखें हम फिर भी नज़ारा एक ही हैदिल हैं दो लेकिन सनम प्यार की धारा एक ही हैकहता है मेरा ये दिल पिया कोई है कोई है ही नहीं
कोई है कोई है ही नहींसुनी कहानी है ये पुरानी हंसों का राजा हंसों की रानीफिरते हैं एक संग हर पल हीनैन में जब एक नीर भर आये जुड़वाँ आँख भी नीर बहायेप्यार की हो मन में जल थल भीकहने को दो जिस्म सही लेकिन बस इक जान हैं हमकहने को हम दो सपनें हैं लेकिन इक अरमान हैं हमइतना प्यार हुआ कैसे सोच के ख़ुद हैरान हैं हमकहता है मेरा ये दिल पिया -२
कहता है मेरा ये दिल पिया कोई है कोई है ही नहीं
कोई है कोई है ही नहींकाया है तू छाया हूँ मैं तू न हो तो मैं भी नहीं
तू न हो तो मैं भी नहीं