मेघा छाए आढ़ी रात बैरन बन गई निंदिया - The Indic Lyrics Database

मेघा छाए आढ़ी रात बैरन बन गई निंदिया

गीतकार - नीरज | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - शर्मीली | वर्ष - 1971

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मेघा छाए आधी रात, बैरन बन गई निंदिया
बता दे मैं क्या करूँ
मेघा छाए आधी रात, बैरन बन गई निंदिया(सब के आंगन दिया जले रे, मोरे आंगन जिया
हवा लागे शूल जैसी, ताना मारे चुनरिया )-२
कैसे कहूँ मैं मन की बात, बैरन बन गयीं निंदिया
बता दे मैं क्या करूँ
मेघा छाए आधी रात, बैरन बन गई निंदिया(टूट गये रे सपने सारे, छूट गयी रे आशा
नैन बहे रे गंगा मोरे, फिर भी मन है प्यासा )-२
आई है आँसू की बारात, बैरन बन गयी निंदिया
बता दे मैं क्या करूँ
मेघा छाए आधी रात, बैरन बन गई निंदिया