ओ साथी मेरे - The Indic Lyrics Database

ओ साथी मेरे

गीतकार - राज शेखर | गायक - सोनू निगम | संगीत - कृष्णा सोलो | फ़िल्म - तनू वेड्स मनु रिटर्न्स | वर्ष - 2015

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O Sathi Mere Hindi Lyrics

आ हा हा.. आ हा हा..
[ओ साथी मेरे.. हाथों में तेरे.. 
हाथों की अब गिरहा दी ऐसे 
की टूटे ये कभी ना..] x 2 

चल ना कहीं सपनों के गाँव रे 
छूटे ना फिर भी धरती से पाऊं रे 
आग और पानी से फिर लिख वो वादे सारे 
साथ ही में रोए हंसे, संग धुप छाओं रे 
आग और पानी से फिर लिख वो वादे सारे 
साथ ही में रोए हंसे, संग धुप छाओं रे 

ओ साथी मेरे.. हाथों में तेरे.. 
हाथों की अब गिरहा दी ऐसे 
की टूटे ये कभी ना 

हम जो बिखरे कभी 
तुमसे जो हम उधड़े कहीं 
बुन ले ना फिर से हर धागा 
हम तो अधूरे यहां 
तुम भी मगर पूरे कहाँ 
करले अधूरेपन को हम आधा 
जो अभी हमारा हो मीठा हो या खारा हो
आओ ना कर ले हम सब साझा 

ओ साथी मेरे.. हाथों में तेरे 
हाथों की अब गिरहा दी ऐसे 
की टूटे ये कभी ना 

गहरी अँधेरी या उजले सवेरे हों 
ये सारे तो हैं तुम से ही 
आँख में तेरी मेरी उतरे इक साथ ही 
दिन हो पतझर के रातें या फूलों के 
कितना भी हम रूठे पर बात करें साथी 
मौसम मौसम यूँही साथ चलेंगे हम 
लम्बी इन राहों में या फूँक के पाहों से 
रखेंगे पाऊँ पे तेरे मरहम 

आओ मिले हम इस तरह 
आए ना कभी विरह 
हम से मैं ना हो रिहा 
हमदम तुम ही हो
हरदम तुम ही हो
अब है यही दुआ 

साथी रे उम्र के सलवट भी साथ तहेंगे हम 
गोद में लेके सर से चांदी चुनेंगे हम 
मरना मर साथी बरसात जियेंगे हम 

ओ साथी मेरे.. हाथों में तेरे 
हाथों की अब गिरहा दी ऐसे 
की टूटे ये कभी ना 

चल ना कहीं सपनों के गाँव रे 
छूटे ना फिर भी धरती से पाऊं रे 
आग और पानी से फिर लिख वो वादे सारे 
साथ ही में रोए हंसे, संग धुप छाओं रे 
आग और पानी से फिर लिख वो वादे सारे 
साथ ही में रोए हंसे, संग धुप छाओं रे 

ओ साथी मेरे.. हाथों में तेरे 
हाथों की अब गिरहा दी ऐसे 
की टूटे ये कभी ना