हंगामा है क्युँ बरपा थोडी सी जो पीई लि हैं - The Indic Lyrics Database

हंगामा है क्युँ बरपा थोडी सी जो पीई लि हैं

गीतकार - अकबर इलाहाबादी | गायक - गुलाम अली | संगीत - | फ़िल्म - मेहदी हसन और गुलाम अली (गैर फिल्म) | वर्ष - 1994

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ये अलग बात है साक़ी के मुझे होश नहीं
वरना मैं कुछ भी हूँ एहसान-फ़रामोश नहींमैं तेरी मस्त-निगाही का भरम रख लूँगा
होश आया भी तो कह दूँगा मुझे होश नहींहंगामा है क्यूँ बरपा थोड़ी सी जो पी ली है
डाका तो नहीं डाला चोरी तो नहीं की हैउस मय से नहीं मतलब दिल जिससे हो बेगाना
मकसूद है उस मय से दिल ही में जो खिंचती हैसूरज में लगे धब्बा फ़ितरत के करिश्मे हैं
बुत हमको कहें ख़ाफ़िर अल्लाह की मर्ज़ी हैनातजुर्बाकारी से वाइज़ की ये बातें हैं
इस रंग को क्या जाने पूछो जो कभी पी हैवाँ दिल में कि सदमें दो, याँ जी में कि सब सह लो
उनका भी अजब दिल है, मेरा भी अजब जी हैहर ज़र्रा चमकता है अनवार-ए-इलाही से
हर साँस ये कहती है हम हैं तो ख़ुदा भी हैए शौक़ वही मय पी ऐ होश ज़रा सो जा
मेहमान-ए-नज़र इस दम इक बर्क-ए-तज़ली है