नील गगन पर उड़ते बादल आ आ आ - The Indic Lyrics Database

नील गगन पर उड़ते बादल आ आ आ

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - आशा - रफी | संगीत - रवि | फ़िल्म - खानदान | वर्ष - 1965

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नील गगन पर उड़ते बादल आ आ आ
धूप में जलता खेत हमारा कर दे तू छाया
छुपे हुए ओ चंचल पंछी जा जा जा
देख अभी है कच्चा दाना पक जाए तो खा
बहता बहता क्यारियों में ठंडा ठंडा पानी
चूम न ले कहीं पाँव तेरे ओ खेतों की रानी
चूम के मैले पाँव मेरे वो भी होगा मैला
मैं हूँ खेतों की दासी तू खेतों का राजा
हरी भरी इन खेतियों की राम करे रखवाली
वो चाहे तो लाखों दाने देगी एक एक बाली
मेहनतवालों की सुनता है वो ऊपरवाला
खोल के रखियो अपनी झोली भर देगा दाता