बेचेन बहुत फिराना घबराए हुए रहना - The Indic Lyrics Database

बेचेन बहुत फिराना घबराए हुए रहना

गीतकार - मुनीर नियाज़िक | गायक - गुलाम अली | संगीत - | फ़िल्म - यादगर गजलें (गैर फिल्म) | वर्ष - 1990

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बेचैन बहुत फिरना घबराये हुये रहना
इक आग सी जज़्बों की दहकाये हुये रहनाछलकाये हुये चलना ख़ुश्बू लब-ए-लाली की
इक बाग़ सा साथ अपने महकाये हुये रहनाउस हुस्न का शेवा है जब इश्क़ नज़र आये
पर्दे में चले जाना शर्माये हुये रहनाइक शाम सी कर रखना काजल के करिश्मे से
इक चाँद सा आँखों में चमकाये हुये रहनाआदत ही बना ली है तुमने तो 'मुनीर' अपनी
जिस शहर में भी रहना उकताये हुये रहना