बैठे हैं रहगुजर पर दिल का दिया जलाये - The Indic Lyrics Database

बैठे हैं रहगुजर पर दिल का दिया जलाये

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - आशा भोंसले | संगीत - बाबुल | फ़िल्म - चालीस दिन/चालीस दिन/ 40 दिन | वर्ष - 1959

View in Roman

बैठे हैं रहगुज़र पर दिल का दिया जलाये
शायद वो दर्द जाने, शायद वो लौट आये
बैठे हैं रहगुज़र पर ...आकाश पर सितारे चल चल के थम गए हैं
शबनम के सर्द आँसू फूलों पे जम गए हैं
हम पर नहीं किसी पर ऐ काश रहम खाये
शायद वो दर्द जाने, शायद वो लौट आये
बैठे हैं रहगुज़र पर ...राहों में खो गई हैं हसरत भरी निगाहें
कब से लचक रही हैं अरमान की नर्म बाहें
हर मोड़ पर तमन्ना आहट उसी की पाये
शायद वो दर्द जाने, शायद वो लौट आये
बैठे हैं रहगुज़र पर ...