गम सम सा ये जहां - The Indic Lyrics Database

गम सम सा ये जहां

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - गीता दत्त, हेमंत कुमार | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - दुनिया झुकती है | वर्ष - 1960

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गी : ओ~ ओ~ ओ~
हे : ओ~ ओ~गी : गुम सुम सा ये जहाँ, ये रात ये हवा
हे : एक साथ आज दो दिल धड़केंगे दिल्रुबा
दो : गुम सुम सा ये जहाँ, ये रात ये समाहे : देखो वो चाँद बदली की ओट में छुपने लगा
गी : ये नील गगन भी प्यार के आगे झुकने लगा
हे : इतनी हसीन
गी : इतनी शरीर
हे : है चाँद की ये अदा
दो : गुम सुम सा ये जहाँ, ये रात ये हवागी : उल्फ़त में चूर दुनिया से दूर हम आ ही गये
हे : मंज़िल के पास अब तो हुज़ूर हम आ ही गये
गी : चाहत के फूल
हे : देखें न धूल
दो : डाली से न हो जुदादो : गुम सुम सा ये जहाँ, ये रात ये हवा
एक साथ आज दो दिल धड़केंगे दिल्रुबा
गुम सुम सा ये जहाँ, ये रात ये समा