सबकी बारातेन आइं दोलि तु भी लाना - The Indic Lyrics Database

सबकी बारातेन आइं दोलि तु भी लाना

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - अलका याज्ञनिक, जसपिन्दर नरूला | संगीत - अनु मलिक | फ़िल्म - जानम समझा करो | वर्ष - 1999

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हो रांझे मजीयां चराईयां
डोली ले गए ने केड़े वे लग गए नैन अवेड़े
ओ लग गए नैन अवेड़े वे लग गए नैन अवेड़ेसबकी बारातें आईं डोली तू भी लाना
दुल्हन बनाके हमको राजाजी ले जाना
सबकी बारातें आईं ...चाहा था मैने सोचा था मैने
क्या क्या थे अरमां दिल-ए-नादां के
आँखों में आँसू आए पर कोई न आया
अब तो किसी को भी अपना के है बुलाना
सबकी बारातें आईं ...इन आँखों में थी इक रात सजी
हाथों में कभी चूड़ी सी बजी
पर आँख खुली तो आया नज़र
ना रात सजी ना चूड़ी बजी
मेरा टूटा था दिल उसकी झनकार थी
सारा वो रंग था मेरे खून-ए-दिल का
ये तो है रोना दिल का काहे का तराना
अब तो किसी को भी अपना के है बुलाना
सबकी बारातें आईं ...चलो जो भी हुआ वो खूब हुआ
अब हर कोई महबूब हुआ
है सबके लिए ये रात मेरी
अब तो है यही औकात मेरी
हँस के भीगी पलक चमकाना है
सूनी बाहें अदा से लहराना है
ग़म खा के आँसू पी के महफ़िल में गाना
अब तो किसी को भी अपना के है बुलाना
सबकी बारातें आईं ...सबकी बारातें आईं डोली तू भी लाना
दुल्हन बनाके हमको राजाजी ले जाना
सबकी बारातें आईं ...बांध के सेहरा हमसे मिल के
निकलेंगे सारे अरमां दिल के
आँखों में तारे नाचें घुंघटा यू उठाना
फिर हमको हौले हौले बाहों में छुपाना
सबकी बारातें आईं ...अपनों से जुदा मैं होती हुई
कुछ हँसती हुई कुछ रोती हुई
जब छोड़ूंगी बाबुल की गली
तुम्हरे अंगना आऊंगी चली
जब तनमन से तेरी बनूंगी
गोरी बईयां मेरी धरना हौले से
मेहंदी वाले हाथों की चूड़ी खनकाना
फिर हौले हौले मुझको बाहों में छुपाना
सबकी बारातें आईं ...फिर बिंदियाअ की सब चाँदनियां
और पायल की सब रागिनियां
तेरे घर संसार में लुटा देगी
दुल्हे राजा तेरी दुल्हनिया
पहले तुम खेलना मेरे रंग रूप से
फिर चुन डालना अंग अंग की कलियां
कोरे तन के फूलों से सेजिया सजाना
फिर हौले हौले हमको बाहों में छुपाना
सबकी बारातें आईं ...