बात बात में रुठो ना - The Indic Lyrics Database

बात बात में रुठो ना

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - सीमा | वर्ष - 1955

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बात-बात में रूठो न
अपने आप को लूटो न
( ये रंग बदलती दुनिया है
तक़दीर पे अपनी रूठो न ) -२
बात-बात में रूठो न( लाज की लाली आज बनी है
भीगी पलकें अबरू तनी है ) -२
( आँखों में सुर्ख़्ही दिल में मुहब्बत
होँठों पे छुप्पी हँसी है ) -२बात-बात में रूठो न
अपने आप को लूटो न
ये रंग बदलती दुनिया है
तक़दीर पे अपनी रूठो न
बात-बात में रूठो न( ढलती हैं रातें ले कर अंधेरा
लायीं बहारें नया सवेरा ) -२
( जीवन सफ़र में दुख हो या सुख हो
करना है फिर भी बसेरा ) -२बात-बात में रूठो न
अपने आप को लूटो न
ये रंग बदलती दुनिया है
तक़दीर पे अपनी रूठो न
बात-बात में रूठो न( फूल ख़ुशी के हर कोई ले-ले
कोई न देखे आँसू के मेले ) -२
( तुम जो हँसे तो हँस देगी दुनिया
रोना पड़ेगा अकेले ) -२बात-बात में रूठो न
अपने आप को लूटो न
ये रंग बदलती दुनिया है
तक़दीर पे अपनी रूठो न
बात-बात में रूठो न