हम उनके पास आते हैं - The Indic Lyrics Database

हम उनके पास आते हैं

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - तलत महमूद | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - नया घर | वर्ष - 1953

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हम उनके पास आते हैं वो हमसे दूर जाते हैं
तड़प कर दास्ताँ अपनी बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैंजबसे हमको प्यार हुआ है
जीना भी दुश्वार हुआ है -२
सहारे जब न पाते हैं
तो फिर घबरा ही जाते हैंतड़प कर दास्ताँ अपनी बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैंबिन तेरे वीरान रहा है
गुलशन का हर फूल ख़िज़ाँ है -२
तुझे अरमाँ बुलाते हैं
नये तूफ़ाँ उठाते हैंतड़प कर दास्ताँ अपनी बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैंदर्द में डूबी शाम न पूछो
आहों का अंजाम न पूछो -२
शमा ग़म की जलाते हैं
अंधेरे बढ़ते जाते हैंतड़प कर दास्ताँ अपनी बहारों को सुनाते हैं
बहारों को सुनाते हैं
हम उनके पास आते हैं