हाय मेहमान कहां ये गम ए जान होगा: - The Indic Lyrics Database

हाय मेहमान कहां ये गम ए जान होगा:

गीतकार - दाग देहलवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, मुकेश | संगीत - ताज अहमद खान, खैय्याम या मुरली मनोहर स्वरूप | फ़िल्म - गैर-फिल्मी | वर्ष - 1960s

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हाय मेहमान कहाँ ये ग़म-ए-जानाँ होगा
ख़ाना-ए-दिल तो कोई रोज़ में विराँ होगाकोसता हूँ जो नसीबों को तो कहता है वो शोख़
फिर मोहब्बत न करेगा अगर इन्साँ होगाज़िंदगी इश्क़ में मुश्किल है तो मर जायेंगे
अब से वो काम करेंगे के जो आसाँ होगाअब कहाँ लख़्त-ए-जिगर सीने में ऐ दीदा-ए-तर
और होगा तो सरे गोशा-ए-दामाँ होगादम मेरी आँखों में अटका है के देखूँ तो सही
क्या मसीहा से मेरे दर्द का दर्माँ होगा