अहा क्या तेरी ज़ुल्फ़ेन हैं क्या तेरी आंखें हैं - The Indic Lyrics Database

अहा क्या तेरी ज़ुल्फ़ेन हैं क्या तेरी आंखें हैं

गीतकार - असद भोपाली | गायक - आशा भोंसले, किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - हम सब उस्ताद हैं | वर्ष - 1965

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कि : अहा क्या तेरी ज़ुल्फ़ें हैं
अहा क्या तेरी आँखें हैं
अहा मैं जिसे उम्र भर
ढूँढा किया
वही है तूआ : अहा क्या तेरी बातें हैं
अहा क्या मुलाक़ातें हैं
अहा दिल जिसे बिन मिले
चाहा किया
वही है तूकि : अहा क्या तेरी ज़ुल्फ़ें हैंकि : रुकी-रुकी दबी-दबी साँसें उफ़ तौबा
आ : दिल में मेरे चुभती हुई नज़रें उफ़ तौबा
कि : रुकी-रुकी दबी-दबी साँसें उफ़ तौबा
आ : हो
होँठ थर्राये
निगाहें ख़ुद-ब-ख़ुद शर्मा गईंकि : क्या तेरी ज़ुल्फ़ें हैं
अहा क्या तेरी आँखें हैं
अहा मैं जिसे उम्र भर
ढूँढा किया
वही है तूआ : अहा क्या तेरी बातें हैंआ : आ आआ : धीरे-धीरे खुलने लगा राज़-ए-दिल मेरा
कि : तूने अभी छेड़ा ही क्यों साज़-ए-दिल मेरा
आ : धीरे-धीरे खुलने लगा राज़-ए-दिल मेरा
कि : हाँ
जब तू है साथ सनम
फिर कोई बात सनम
मानता है दिल कहींआ : क्या तेरी बातें हैं
अहा क्या मुलाक़ातें हैं
अहा दिल जिसे बिन मिले
चाहा किया
वही है तूकि : अहा क्या तेरी ज़ुल्फ़ें हैंकि : क्या हो अगर बाद-ए-सबा आँचल ढलका दे
आ : ऐसा न हो के तेरी नज़र कहीं शोले भड़का दे
कि : क्या हो अगर
आ : ह
कि : बाद-ए-सबा
आ : ह
कि : आँचल ढलका दे
आ : हो
होश उड़ जायेंगे आगे
बात कहने की नहींकि : क्या तेरी ज़ुल्फ़ें हैं
अहा क्या तेरी आँखें हैं
अहा मैं जिसे उम्र भर
ढूँढा किया
वही है तूआ : अहा क्या तेरी बातें हैं
अहा क्या मुलाक़ातें हैं
अहा दिल जिसे बिन मिले
चाहा किया
वही है तूकि : अहा क्या तेरी ज़ुल्फ़ें हैं