गोरी के नैनों में निन्दिया भारी - The Indic Lyrics Database

गोरी के नैनों में निन्दिया भारी

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - अंगारे | वर्ष - 1954

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श: (गोरी के नैनों में निंदिया भरी
आ जा री सपनों की नीलम परी)-२
कि: अरे ओ मेरे ज़्हकमों की फिट्करी
आ भी जा क्यों देर इतनी करीश: ओ नीलम परी रूठ जाऊँगी मैं
? किया तो न आऊँगी मैं
खामोश रहने में है बेहतरी
आती हूँ, आती हूँ, दम लो घड़ी(?)
कि: आ भी जा क्यों देर इतनी करी
श: गोरी के नैनों में निंदिया भरी
आ जा री सपनों की नीलम परीकि: तू हूर है और मैं लँगूर
तू हूर है और मैं लँगूर हूँ
उल्फ़त के हाथों से मजबूर हूँ
गुस्सा न कर, न कर, गुस्सा न कर
ओ मेरी बेसुरी, ओ मेरी बेसुरी
आ भी जा क्यों देर इतनी करी
श: आती हूँ, आ ती हूँ, दम लो घड़ी(?)
कि: आ भी जा क्यों देर इतनी करी
श: गोरी के नैनों में निंदिया भरी
आजा री सपनों की नीलम परी