ओ आजा पंछी अकेला हैं - The Indic Lyrics Database

ओ आजा पंछी अकेला हैं

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - नौ दो ग्यारह | वर्ष - 1957

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(र: ओ आजा पंछी अकेला है
आ: ओ सो जा निन्दिया की बेला है )-२
र: ओ आजा पंछी अकेला है(र: उड़ गई नींद यहां मेरे नैन से
आ: बस करो यूंही पड़े रहो चैन से )-२
र: लागे रे डर मोहे लागे रे
आ: ओ ये क्या डरने की बेला है
र: ओ आजा पंछी अकेला है ...(र: ओहो कितनी घुटी सी है ये फ़िज़ा
आ: आहा कितनी सुहानी है ये हवा )-२
र: मर गये हम निकला दम मर गये हम
आ: मौसम कितना अलबेला है
र: ओ आजा पंछी अकेला है ...(र: बिन तेरे कैसी अंधेरी ये रात है
आ: दिल मेरा धड़कन मेरी तेरे साथ है )-२
र: तन्हा है फिर भी दिल तन्हा है
आ: लागा सपनों का मेला है
र: ओ आजा पंछी अकेला है ...