ओ सीता - The Indic Lyrics Database

ओ सीता

गीतकार - कुमार | गायक - अन्वेशा, हृषिकेश रानाडे | संगीत - विशाल चांड्रज़ेकर | फ़िल्म - सीता रामम | वर्ष - 2022

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ओ सीता
तेरा रहूँगा वादा है
इश्क़ मुझे
थोड़ा नहीं है ज्यादा है

आओ थामो ज़रा हाथ मेरा
लेके चालू तुम्हे हम सफर
दोनों रहे जहा साथ मिल के
ढूंढे तेरा मेरा वो शहर

तेरा जहां मेरा जहां अब एक है
नहीं जुदा होगा

ओ रामा
तुझे ही राब माना है
जन्मों जनम
तुझे ही मैंने पाना है

चेहरा तेरा मेरे सामने हो
मुझसे बोले मेरी ये नज़र
दुनिया दिखे मुझे सारी तुझमे
तेरा होने लगा जो आसार
में हूँ तेरी तू हे मेरा
सदियों तक यही लिखा होगा

ओ सीता
तेरा रहूँगा वादा है
ओ रमा
तुझे ही राब माना है

सारी जमीं छोड़ दी है मैंने
एक तेरा चुना रास्ता
दूर मंज़िल सा था ज़रा सा
करीब आने लगा

कदमों के तू साथ साथ रहना
फासला ये मुझे नहीं सहना
जीने की रहे तू वजह
मेरी है यही बस दुआ
तुझको जोड़ लूँ रूह से मैं ऐसे
तू ना जुदा होगा

रंग तेरा यार ऐसा चढ़ा
तू ही तू दिखे मुझे हार जगह

मेरी किस्मत में तू लिखी
ये गुरुर होने लगा

काब माँगा था मेने चाँद सोना
चाहा मैंने एक तेरा होना

तुझसे ही सभी दिन मेरी
रातें भी न हो बिन तेरे
ये जो प्यार है यार वो
अब तुझसे हर दफा होगा

ओ रामा
तुझे ही रब माना है
जन्मो जनम
तुझे ही मैंने पाना है

आओ थामो ज़रा हाथ मेरा
लेके चलूँ तुम्हें हम सफर
दोनों रहे जहा साथ मिल के
ढूंढे तेरा मेरा वो शहर

तेरा जहा मेरा जहा अब एक है
नहीं जुदा होगा